
एक विशाल, घने जंगल के बीच एक जर्जर झोपडी खडी थी, जिसकी दीवारें बुरी तरह चरमराई हुई थीं। झोपडी के भीतर से एक बूढे व्यक्ति की उत्साह से भरी आवाज गूंज उठी , " आखिरकार, मैंने कर दिखाया!
उस झोपडी के अंदर, वह बूढा व्यक्ति, जो देखने में किसी पागल वैज्ञानिक की तरह प्रतीत हो रहा था, अपने बिखरे हुए सफेद बालों को झटकते हुए सामने रखी एक विशाल मशीन की ओर देख रहा था। उसके चेहरे पर एक अजीब सी चमक थी, मानो वर्षों की मेहनत का फल उसे अब मिलने वाला हो। वह बुदबुदाया , " अब पूरी दुनिया देखेगी कि एक प्राचीन मानव कितना ताकतवर हुआ करता था!
उसकी आंखों में एक रहस्यमयी चमक थी, और उसके होंठों पर एक डरावनी मुस्कान खेल रही थी। उसकी दृष्टि मशीन के अंदर मौजूद एक छोटे से बच्चे पर टिक गई थी। वह बच्चा देखने में तो किसी नवजात शिशु की तरह ही लग रहा था, लेकिन उसकी लाल, खून से प्यासी आंखें किसी खूंखार जानवर जैसी थीं।
कुछ देर तक बूढा व्यक्ति उसे एकटक देखता रहा, फिर उसने हाथ बढाकर मशीन के पैनल का एक बटन दबाया, जिससे वह बच्चा बाहर निकलने वाला था। लेकिन जैसे ही मशीन का दरवाजा खुलने लगा, अचानक उसमें से, " बिप. बिप. की तेज आवाजें आने लगीं।
अचानक बूढे व्यक्ति का चेहरा घबराहट से भर गया। उसने घबराए स्वर में कहा , " नहीं! ऐसा नहीं हो सकता। जल्दी-जल्दी उसने मशीन के कई बटन दबाने शुरू कर दिए, लेकिन उससे निकलने वाली आवाजें और भी तेज होती चली गईं। पूरी मशीन बुरी तरह हिलने लगी, मानो किसी भयानक अनहोनी की चेतावनी दे रही हो। इससे पहले कि वह बूढा व्यक्ति कुछ समझ पाता या मशीन को संभाल पाता, एक भयंकर विस्फोट हुआ , " बूम!
एक भयंकर आग पूरे जंगल में फैल गई, और वह झोपडी पल भर में राख में बदल गई। विस्फोट की लपटें इतनी तेज थीं कि पूरे इलाके को एक ही झटके में निगल गईं।
इक्कीस साल बाद, the St. regis new york,
न्यूयॉर्क के the St. regis नाम के एक आलीशान होटल के Room की बालकनी पर खडा शिवांश अपनी नशे से धुंधली हो चुकी आंखों से आसमान में चांद को देख रहा था, उसकी जिंदगी में यह पहली बार था जब उसने ड्रिंक किया हो।
नशे में डूबा शिवांश अभी चांद को देख ही रहा था कि तभी उसे किसी के धीमे कदमों की आवाज सुनाई दी, जैसे ही उसने पीछे मुडकर Room के दरवाजे पर देखा वहां एक लडकी सीरी प्लेस लॉन्ग व्हाइट क्रॉप टॉप पहने खडी थी। क. कौन हो तुम?
लेकिन उसने शिवांश के सवाल का कोई जवाब नहीं दिया और अपने लडखडाते कदमों से शिवांश के करीब आने लगी। उस लडकी को इस तरह लडखडा कर चलते हुए देख शिवांश समझ गया कि वह लडकी इस समय शिवांश की तरह ही नशे में डूबी हुई थी।
वह लडकी दिखने में बहुत ही खूबसूरत और यंग थी, वो दिखने में मुश्किल से अठारह या उन्नीस साल की लग रही थी उसकी हेजल ग्रे रंग की खूबसूरत आंखें, जिनमें झांकने पर एक अनकहा रहस्य झलकता था। उसकी आंखों की चमक इतनी दिलकश थी कि जैसे उन दो आंखों ने आसमान के सारे तारो की चमक अपने भीतर समेट रखी हों। उसका गुलाबी आभा लिए हुए चेहरा किसी चाँद की तरह था कोमल, निर्दोष और सजीव। उसकी पाँच दशमलव पाँच फीट की ऊँचाई ने उसे एक ऐसा व्यक्तित्व दिया था, जो न तो बहुत साधारण लगता और न ही अत्यधिक प्रभावी वो बस हर तरह से परफेक्ट थी। गुलाब की पंखुडियों जैसे नाजुक होंठ जो काफी पल्पी और बडे थे, जिस पर बिखरी उसकी नर्म मुस्कान और चेहरे पर बिखरी सादगी ने उसे और भी मोहक बना दिया था। उसकी हर अदा में एक अनोखी मासूमियत और शालीनता झलकती थी, जो किसी को भी उसका दीवाना बना दे। और लंबे काले सिल्की बाल थे, जो उसकी कमर से नीचे तक आ रहे थे, अंडाकार गोरा चेहरा और उसकी तीखी नाक, पैनी eyebrows, आवरग्लास बॉडी शेव कुल मिलाकर वह लडकी पूरी तरह से परफेक्ट थी। जिसे हर लडका अपने ख्वाबों में खुदा से मांगता हो।
एक पल के लिए तो शिवांश जैसे उस लडकी में कहीं खो सा गया, उसे इस तरह खुद को घूरते हुए देख वह लडकी अपनी नशीली आवाज में बोली। तुम मुझे ऐसे क्यों देख रहे हो? तुमने आज तक कभी सुंदर लडकी देखी नहीं क्या?
यह सब कहते हुए उस लडकी की लंम्बी पलके नशे के कारण तितली के पंखों की तरह लागातार फडफडा रही थी, और उसके गालों की रंगत कश्मीरी सेब की तरह सुर्ख पड चुकी थी। वो नशे में भी इस वक्त इतनी खूबसूरत लग रही थी की उस पर से तो शिवांश की नजरे ही नहीं हट रही थी।
और अनचाहे में ही उसके मुंह से शब्द निकले। तुम्हारे अलावा सुंदर देखा नहीं किसी को, और तुम्हें देखने के बाद किसी और को देखने का दिल भी नहीं!
शिवांश की इस बात को सुनकर उस लडकी ने बच्चों की तरह मुंह बनाकर कहा। तुम वही होना जो उस दिन मुझसे टकराए थे और मेरी आइसक्रीम भी चुरा ली थी! You चोर कहीं के वापस दो मेरी आइसक्रीम!
वह अपने नाजुक हाथों की मुट्ठी बनाकर शिवांश के सीने पर लगातार उनसे मार रही थी, और बच्चों की तरह मुंह बनाकर उससे अपनी आइसक्रीम मांग रही थी और उसे लगातार आइसक्रीम चोर बुला रही थी।
लेकिन शिवांश की मस्कुलर बॉडी पर उसके नाजुक हाथों का कोई असर नहीं हो रहा था, बल्कि उसे उस लडकी के इन एक्शन से तो वह लडकी और भी ज्यादा क्यूट लग रही थी। वह तो जैसे उस लडकी में पूरी तरह से डूब गया था, और उसे ही लगातार निहारे जा रहा था।
लेकिन फिर अगले ही पल उसके दिमाग में कुछ सूझा और वह उसे छेडते हुए बोला। अपनी अदाओं से दिल तुम मेरा चुराओ और फिर तुम मुझे चोर बुलाओ, that' s not fair. और वैसे भी तुम्हारी वह आइसक्रीम मैंने काबकी खा ली है, अब मैं उसे तुम्हे वापस तो नहीं दे सकता।
जिस पर वह लडकी अपना बच्चों जैसा चेहरा बनाकर रोनी सूरत के साथ कहती है। हा. तुमने वह कैसे खाई वह मेरी आइसक्रीम थी, मुझे मेरी ice cream वापस करो वरना तुम्हें मैं punishment दूंगी!
जिस पर शिवांश एक हल्की सी मुस्कान के साथ अपने होठों की तरफ इशारा करते हुए शरारती लहजे में कहता है। मैंने वह आइसक्रीम इन होठों से खाई है अब कैसे सजा दोगी तुम, इन होठों को?
और यह सब कहते हुए उसकी नजरे लगातार उस लडकी के खूबसूरत लाल और फ्लिप्पी होठों पर ही टिकी हुई थी।
शिवांश की यह बात सुनते ही एक पल के लिए उस लडकी ने कुछ सोचा, लेकिन फिर अगले ही पल उसने झटके से शिवांश के होठों पर काट लिया।
उस लडकी के होठों का एहसास अपने होठों पर महसूस करते ही शिवांश तो शौक हो गया, इवन वो रिएक्ट करना ही भूल गया, लेकिन जैसे ही उसे अपने होठों पर एक तेज दर्द महसूस हुआ उसने तुरंत ही उस लडकी को खुद से दूर किया।
शिवांश का हल्का सा धक्का लगते ही अचानक वह लडखडा गई, शिवांश उसे संभालते हुए बोला। हे संभालो खुद को!
उसकी बाहें इस समय उस लडकी को संभाले हुए थी, और उसकी निगाहें लगातार उस लडकी की हेजल ग्रे आंखों में ही टिकी हुई थी। शिवांश तो इस समय पूरी दुनिया को ही जैसे भूल गया था और उसकी आंखों में पूरी तरह से डूब गया था, एक पल पहले जो कुछ भी उसके साथ हुआ उसने शिवांश के दिल की धडकन काफी तेज कर दी थी। Even वह तो अब यह भी पूरी तरह से भूल चुका था कि यह लडकी उसके कमरे में घुस आई थी, और उसे आइसक्रीम चोर बुला रही थी।
वहीं दूसरी तरफ वह लडकी भी अब तक पूरी तरह नशे में डूब चुकी थी, और उसे इस बात का भी एहसास नहीं था कि वह इस समय एक अनजान लडके को seduce कर रही थी। उसका दिल इस समय तेजी से धडकने लगा था, और वह अपनी बोझिल हो चुकी आंखों से शिवांश की गहरी काली आंखों में झांकते हुए बोली। You आर सो हैंडसम आइसक्रीम चोर!
शिवांश दिखने में बहुत चार्मिंग और Attractive था, कोई लडकी अगर उसे एक नजर भी देख ले तो वह उसकी दीवानी हो जाए, डायमंड शेव चेहरा, पैनी नाक, गहरी काली आंखें, छह फिट दो इंच हाइट, फेस पर हल्की हल्की Beard, जो उसे और भी ज्यादा आकर्षक बनातीं थी
उसके मुंह से एक बार फिर से खुद के लिए चोर सुनकर सम्राट ने अपनी आंखें थोडी छोटी करते हुए उसे घूरते हुए कहा। oh really.
शिवांश ने नाराजगी जताते हुए उससे यह सब कहा था, जिसे देख वो लडकी हल्का सा मुस्कुराई और फिर अपनी धीमी मगर सेडक्टिव आवाज में लडखडाती हुई बोली। सच में Mr ice cream चोर, पता नही क्यों. तुम मुझे अच्छे लगते हों, तुम मुझे पसंद नही पर फिर भी मेरी नजर तुम्हारे चहरे से हटने का नाम नही ले रही है!
उसकी आवाज में एक ऐसा जादू था कि शिवांश खुद को उसकी आवाज में खोने से रोक ही नहीं पाया, और उसकी आंखों में झांकते हुए बोला। क्या तुम सच कह रही हो!
शिवांश के इतना कहते ही वह लडकी अपनी मदहोशी भारी आवाज में बोली। तुम्हें पता है जब-जब तुम मेरे सामने आते हो, मेरा यह दिल जोरो से धडकने लगता है, और मेरे पेट में जैसे हजारों बटरफ्लाइज एक साथ उडने लगती है! तुम्हारी बाहों में आते ही ऐसा लगता है मानो यह दुनिया में मेरे लिए सबसे महफूज जगह हो!
यह कहते हुए उस लडकी ने अपनी दोनों बाहें शिवांश के गले में डाल दी, और उसके होंठ शिवांश के होठों की तरफ बढने लगे।
शिवांश उस लडकी को खुद से दूर करते हुए बोला। कौन हो तुम और यह सब क्या बोल। लेकिन अभी शिवांश इतना ही बोल पाया था कि इतने में ही वह लडकी शिवांश के बेहद करीब आ गई और उसने अपनी एक उंगली शिवांश के होठों पर रखते हुए अपनी धीमी मगर मदहोशी भरी आवाज में कहा। श्श्श्श्श. कुछ इस कदर मुझे तुम में सिमट जाने दो, अब रोको ना मुझे यूं, खुद पर बिखर जाने दो!
यह कहते हुए उस लडकी ने धीरे से शिवांश के होठों को चूम लिया। उसके एक बार फिर खुद को Kiss करने की वजह से शिवांश अपने सारे सेंसेज भूल गया, और वह उस Kiss में उस लडकी का साथ देने लगा। धीरे-धीरे उसे Kiss करते हुए शिवांश के हाथ धीमे से उसके टॉप के अंदर चले गए और उसके पेट से होकर ऊपर की तरफ बढने लगे।
शिवांश का स्पर्श महसूस करते ही उस लडकी का शरीर हल्का सा कांपने लगा, और एक पल के लिए तो वह जम गई, लेकिन फिर अगले ही पल उसने शिवांश को और भी पेशेंटली Kiss करना शुरू कर दिया।
कुछ ही देर में शिवांश ने अपने दूसरे हाथ के सहारे उसके टॉप की जीप को ओपन कर उसके शरीर से अलग कर दिया और उसे अपनी बाहों में उठा कर Room के बिस्तर पर लिटा दिया। और उसके होठों से होते हुए उसकी नेक और उसके कॉलर बोनस बेइंतहा चूमने लगा।
शिवांश के ऐसा करने पर वह लडकी ठंडी आहे भरने लगी, जिसे सुनकर शिवांश और भी ज्यादा एक्साइटेड होते जा रहा था। कुछ ही देर में उन दोनों के कपडे बिस्तर के नीचे पडे हुए थे। यह पल शिवांश और उस लडकी के लिए एक अनोखा अहसास लेकर आया था, वह कमरा इस समय शिवांश और उस लडकी की आंहों से और उनकी तेज चलती सांसों से भर गया था। वह दोनों तो यह भी भूल गए थे कि नशे की हालत में वह दोनों आखिर क्या कर रहे हैं और इसका क्या अंजाम होने वाला है? वह दोनों इस बात से बेखबर थे कि आज का ये दिन उन दोनों की जिंदगी में एक बडा भूचाल लेकर आने वाला था!
अगली सुबह!
एक मदहोशी भरी रात के बाद सूरज की किरण खिडकी से होकर शिवांश के चेहरे पर पडी, जिस वजह से शिवांश अनमने ढंग से अपने चेहरे के ऊपर ब्लैंकेट ओढ कर सोने की कोशिश करने लगा, लेकिन उसे इस समय अपने sir में बेहद तेज दर्द महसूस हो रहा था, जिस वजह से वह उठाओ और अपने दोनों हाथों से उसने अपना sir पकड लिया और दर्द से कराहते हुए कहा। आ. मेरा सर!
शिवांश को अपने sir में इस समय इतना दर्द महसूस हो रहा था जैसे उसका sir किसी भी पल फटने वाला हो, इसी कारण वह बिस्तर से उठने को होता है लेकिन अचानक उसे अपने लेफ्ट हाथ में ठंडा और चिपचिपा सा एहसास होता हैं, और जैसे ही शिवांश ने अपना sir घूमा कर अपने लेफ्ट हैंड की तरफ देखा तो उसके हाथों पर हल्का सा ब्लड लगा हुआ था।
खून देखते ही शिवांश का sir दर्द मानो गायब ही हो गया और वो घबराते हुए बोला। ये. ये. खून!
इतना कहते ही वो खुद को देखते लगा लेकिन जैसे ही उसकी नजर अपने शरीर पर पडी उसके तो मानव होस ही उड गए, और उसकी आंखें फटकर बाहर आने को हो गई। उसके शरीर पे इस समय एक भी कपडा मौजूद नहीं था, साथ ही उसके शरीर पे हर जगह-जगह पर लिपस्टिक और खरोंचने के निशान बने हुए थे, जिसे देखते ही शिवांश के तो मुंह से एक जोर की चीख निकल पडी, और वह खुद को देखते हुए बोला। यह सब. यह सब आखिर क्या है? मेरे कपडे कहां गए और यह लिपस्टिक के निशान?
इतना कहते ही अचानक उसकी आंखों के सामने कल रात के कुछ धूंधले विजुअल्स आने लगे, जिन्हें याद करते ही उसका पूरा चेहरा सफेद पड गया और वह धीरे से बुदबुदाया। मतलब कुछ देर पहले जो मैंने सपना देखा. वह कोई सपना नहीं बल्कि हकीकत थी।
यह कहते ही उसका पूरा शरीर जैसे अकड सा गया और वह पूरे कमरे में चारों तरफ नजरे घूमा कर कल रात वाली लडकी को ढूंढने की कोशिश करने लगा लेकिन काफी कोशिश करने के बाद भी उसे कमरे में कोई भी नहीं मिला जो देख वह और भी ज्यादा हैरान हो गया और खुद से ही बोला। आखिर कौन थी वह? और कल क्या हुआ हम दोनों के बीच? क्या सच में हम दोनों के बीच कल कुछ हुआ?
वह खुद से ही यह सारे सवाल कर रहा था जिसका जवाब उसके पास इस समय बिल्कुल नहीं था। शिवांश बस यही सोच रहा था कि आखिर कल रात वाली लडकी आखिर
कौन थी और क्या हुआ था कल रात उन दोनों के बीच।

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